Sunday, August 11, 2013

आरज़ू




मुझे आरज़ू  है तेरी  बाहों  में रहू
सुबह से शाम तेरे खयालों मैं जीयू
आज हो, कल हो  या बरसों बिता दूं
मुझे आरज़ू  है तेरे खयालों मैं  ही  दिन बिता  दूं 

Signatures: A Page Of Angel's Poetry :) 

No comments:

Post a Comment